CGFilm.in (एकान्त चौहान)। छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर वैसे तो 1965 में आई मनु नायक की कहि देबे संदेश के साथ ही शुरू हो चुका था। लेकिन इसकी रफ्तार सन् 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के साथ ही तेज हुई। फिर जो सिलसिला चल पड़ा, उसका क्या कहना। एक के बाद एक लगातार हिट और सुपरहिट फिल्मों का वो दौर चला, जो आज तक अनवरत जारी है। वैसे यदि हम आंकलन करें तो छत्तीसगढ़ी फिल्मों को सफर आज 56 साल से लगातार जारी है। 1965 में आई कहि देबे संदेश ने एक संदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में काफी मदद की। और कहि देबे संदेश-2 बनाने की घोषणा भी मनु नायक के मार्गदर्शन में जोहार छत्तीसगढ़ के निर्माता और निर्देशक देवेन्द्र जांगड़े ने की है।
कहि देबे संदेश के साथ ही एक और छत्तीसगढ़ी फिल्म ने इतिहास बनाया था। ये फिल्म थी- घर-द्वार। स्व.विजय कुमार पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के टूटते परिवार की कहानी को लेकर सन् 1965 में ‘घर द्वार’ बनाने का संकल्प लिया था। लेकिन इसके बाद से छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माण में एक लंबा ब्रेक लग गया था। जिसे तोडऩे का काम छत्तीसगढ़ राज्य बनने के साथ ही सतीश जैन की मोर छईयां भुईयां ने किया। इस फिल्म ने तो कमाई के सारे रिकार्ड तोड़े ही, छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माण और दर्शकों की चाहत को एक नई गति दी। इसके बाद जो सिलसिला चल पड़ा, वो आज पर्यन्त तक जारी है। इस दौरान हर प्रकार की छत्तीसगढ़ी फिल्में बननी शुरू हुई। लेकिन दर्शकों की पसंद शुद्ध पारिवारिक फिल्में ही रहीं। लीक से हटकर फिल्म बनाने और नए-नए फिल्मों के निर्माण का ट्रेंड भी लगातार जारी है। लेकिन इतना जरूर है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माण में जो लंबा विराम लगा था, इस दौरान लोक नाट्य और रंगमंच का दौर रहा। कई बड़े-बड़े बैनर के लोक नाट्य और रंगमंच ने दर्शकों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। धीरे-धीरे वीडियो सांग, शार्ट फिल्में और अब वेबसीरिज की ओर भी निर्माता-निर्देशक लगातार अपने कदम बढ़ा रहे हैं।
16 अप्रैल 1965 को रिलीज हुआ था कहि देबे संदेश
मनु नायक की छत्तीसगढ़ी फिल्म कहि देबे संदेश का प्रदर्शन 16 अप्रैल 1965 को रायपुर, भाटापारा, बिलासपुर में एक साथ हुआ था। पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म होने और कहानी के चलते इस फिल्म ने इतिहास रचने के साथ ही सुर्खियां भी बहुत बटोरी। फिल्म के गाने मशहूर गायक मो. रफी की आवाज में गाने की रिकार्डिंग की गयी और गीत लिखा था डॉ. हनुमंत नायडू ने और संगीत दिया मलय चक्रवती ने। नवंबर 1964 में फिल्म की शूटिंग छत्तीसगढ़ के रायपुर जिला स्थित पलारी ग्राम में हुई।
बनेगा कहि देबे संदेश पार्ट-2
आज से 56 साल पहले पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म कही देबे संदेश मनु नायक जी के निर्देशन में बनी थी। इस फिल्म ने बहुत सुर्खियां बटोरी थी और पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म का इतिहास भी इसी के नाम है। ये फिल्म समाज में व्याप्त कुरीतियों को लेकर बनाई गई थी, जिसे काफी लोकप्रियता भी मिली। वहीं अब इस फिल्म का पार्ट-2 बनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। इस बार इस फिल्म का निर्देशन जोहार छत्तीसगढ़ का निर्देशन करने वाले युवा डायरेक्टर देवेन्द्र जांगड़़े करेंगे। (क्रमश:)
Kahi Debe Sandesh 2