cgfilm.in लोक गाथा भरथरी का हुआ नाट्य मंचन, कला मंदिर में रंग सरोवर की दो दिन हुई प्रस्तुति
भिलाई। छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग के सहयोग से संस्था ‘रंगसरोवर’ की प्रस्तुति लोकनाट्य उत्सव में वैराग्य की गाथा भरथरी का मंचन महात्मा गांधी कला मंदिर सिविक सेंटर में गुरुवार 12 जून और शुक्रवार 13 जून को हुआ। प्रख्यात लोकगायिका स्व. सुरूज बाई खांडे व अन्य कलाकारों से अब तक भरथरी गायन सुनते आए कलाप्रेमी दर्शकों के लिए यह पहला मौका था, जब इस लोकगाथा को मंच पर देख रहे थे।
भूपेंद्र साहू के निर्देशन में रंग सरोवर के रंगकर्मियों ने अपने अभिनय से हर किसी का दिल जीता। मूल रूप से वैराग्य की इस गाथा ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा। कला मंदिर सभागार तालियों से गूंजता रहा। 120 मिनट की सधी हुई इस प्रस्तुति में 50 से अधिक सदस्य टीम में शामिल थे। जिसमें कथानक के साथ 15 से अधिक गीतों की
प्रस्तुति भी हुई। पूरी टीम की तीन महीने की रिहर्सल का नतीजा मंच पर नजर आ रहा था।
मुख्य अतिथि गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद व अन्य अतिथियों ने भरथरी गायन की पुरोधा स्व. सुरूजबाई खांडे के चित्र पर माल्यार्पण कर विधिवत शुभारंभ किया। विधायक निषाद ने इस दौरान भरथरी जैसी लोकगाथा के मंचन के लिए संस्था रंग सरोवर की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसे अभिनव प्रयास होते रहना चाहिए।

भरथरी का पहली बार नाट्य मंचन:-
आलेख, गीत, संगीत एवं निर्देशन की जवाबदारी संभालने वाले वरिष्ठ रंगकर्मी भूपेन्द्र साहू ने बताया कि लोक गाथा भरथरी देश के अन्य राज्यों में भी अपने पृथक स्वरूपों के साथ विद्यमान है। हमारी भरथरी में प्रचलित व मान्य तथ्यों के अध्ययन पश्चात्, हमारा अपना दृष्टिकोण है। समन्वयक पद्मश्री डॉ. आर.एस.बारले ने बताया कि भरथरी गायन शैली को पहली बार मंच पर नाटक
शैली में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
मंचन में इनकी रही भूमिका
लोक गाथा भरथरी के मंचन में प्रमुख भूमिकाओं में राजा भरथरी-मिथुन खोटे, भरथरी की माँ रानी फुलवा-भावना वाघमारे, भगवान/गोरखनाथ-चन्द्रहास बघेल, भरथरी की पत्नी रानी सामदेई-योगिता मढ़रिया, “भरथरी” की साली रानी रूपदेई-जागेश्वरी मेश्राम, कैना जागेश्वरी मेश्राम,चंपा चेरी-निधि साहू/रोशनी वर्मा,काला मिरगा/सेवक-दीपक कुमार ध्रुव,मिरगिन-रोशनी वर्मा, निधि, योगिता, सिन्धु, जागेश्वरी,कथावाचक (बबा)-अमर सिंह लहरे,नाती-उत्तम साहू, गायन स्वर में राजेन्द्र साहू, गंगा प्रसाद साहू, योगिता मढ़रिया, सिन्धु सोन,वाद्य वृन्द में भारत बघेल, मोहन साहू, मोनू पाटिल, खेम यादव और गिरवर साहू शामिल हैं।
उपस्थित रहे रंग कर्मी, कला प्रेमी और साहित्यकार:-
इस अवसर पर भिलाई महापौर नीरज पाल, साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा, लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय, दुर्ग के पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल, पूर्व साडा अध्यक्ष लक्ष्मण चंद्राकर, शैलजा चंद्राकर, विनायक अग्रवाल, रजनीश झांझी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन सिंह राठौर लोक कलाकार परमेश्वर नाग,शंकर साहू, पुष्पा साहू, महेश वर्मा, नकुल महिलवार,रंगकर्मी और कवि ेशमशीर सिवानी, हास्य कलाकार पप्पू चन्द्राकर, रंग कर्मी तेज राम साहू, संतोष बोचकु हास्य कलाकार, लोक गायक तुषान्त
बारले, दूज राम साहू, कचरा बोदरा उर्वशी साहू, उपासना वैष्णव,रामेश्वर वैष्णव छेरछेरा कलाकार,कोरियोग्राफर विलास रावत, अशोक गौर , चंद्रप्रकाश, प्रशांत क्षीरसागर और बसंत ढीमर सहित बड़ी तादाद में रंग कर्मी, कला प्रेमी और साहित्यकार उपस्थित थे।
संस्कारधानी राजनांदगांव में नाटक ‘भरथरी’ का भव्य प्रदर्शन 14 और 15 जून को
रंग सरोवर ने अपने पूरखों की परंपरा को नई पीढ़ी को सौंपने के उद्देश्य से पूरे छत्तीसगढ़ में 10 से 16 जून तक लोकनाट्य उत्सव का आयोजन किया है। इस कड़ी में 14 और 15 जून को संस्कारधानी राजनांदगांव में नाटक ‘भरथरी’ का आयोजन किया जाएगा।
राजनांदगांव के महापौर मधुसूदन यादव और राजनांदगांव नगरनिगम के सहयोग से 14 और 15 जून को गोविन्द राम निर्मलकर ऑडिटोरियम में लोकनाट्य उत्सव के तहत रंग सरोवर के द्वारा चर्चित नाटक ‘भरथरी’ अर्थात वैराग्य की गाथा का आयोजन किया है। इस नाटक का आलेख, गीत-संगीत एवं निर्देशन भूपेन्द्र साहू ने किया है।
दो दिन, 14 जून दिन शनिवार और 15 जून दिन रविवार को भव्य नाटक ‘भरथरी’ का आयोजन होगा।
आयोजक रंगसरोवर, नगरनिगम और संस्कारधानी राजनांदगांव के कई चर्चित छत्तीसगढ़ी तथा अन्य सांस्कृतिक मंडलियों ने इस भव्य नाट्य महोत्सव में सभी सांस्कृतिक दलों, गीतकारों, संगीतकारों, कलाकारों और गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित किया है।