CGfilm.in छॉलीवुड फिल्मों के भीष्म पितामह मोहन सुंदरानी जी जल्द ही फिल्म रणभूमि में नजर आने वाले हैं। मोहन सुंदरानी जी ने इस फिल्म में विशेष कैरेक्टर प्ले करने की स्वीकृति दी है। सुंदरानीजी के फिल्म में रोल करने को लेकर डायेरक्टर दानेश निषाद ने इसे उनका आशीर्वाद कहा है और इस बात पर खुशी […]
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परिचय
छत्तीसगढ़ के भीष्म पितामह एवं गुलशन कुमार के नाम से मशहूर मोहनचंद सुंदरानी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है । छत्तीसगढ़ के कलाकारों को खोज- खोजकर तराशना और आगे बढ़ाना उनके जीवन का मकसद है । वे कहते है कि छोटे- छोटे कलाकारों को आगे बढ़ाने में उन्हें एक सुखद अनुभूति का एहसास होता है ।
मोहन सुंदरानी स्वर्गीय श्री मोटुमल सुंदरानी और माता स्वर्गीय मायादेवी सुंदरानी के सुपुत्र है । जिनका जन्म 15 जुलाई 1950 को आर्वी जिला वर्धा महाराष्ट्र में हुआ और बचपन के बाद से अब तक उनका संपूर्ण कार्य क्षेत्र छत्तीसगढ़ की पावन धारा है। बी.कॉम की शिक्षा अर्जित कर अपने विभिन्न कार्यो व व्यवसायों के साथ-साथ अपनी गरीबी को परिश्रम से पीछे छोड़ते हुए वे लोक कला की दुनिया में प्रवेश कर अपनी कैसेट कंपनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ की दबी छुपी प्रतिभा को सार्वजनिक करने का काम किया है ।
फिल्मी सफर
मोहन सुंदरानी ने अपनी प्रयासों से सदैव कला जगत को आलोकित किया । उन्होंने न सिर्फ नाचा गम्मत को उठाने का काम किया बल्कि उसमे अभिनय भी किया । मोहन सुंदरानी ने सदैव कला और आस्था से पूरी निष्पक्षता के साथ गीत संगीत भजनो का निर्माण भी किया है । इस कड़ी में उन्होंने 200 से अधिक सतनाम समाज के गुरुघासी दास बाबा के जीवन पर कथाएं, पंथी गीत बजनो और ऑडियो कैसेट का निर्माण किया है ।
जिससे सतनाम समाज के कलाकारों को प्रोत्साहन और मंच मिला । वही साहू समाज की पूजनीय संत माता कर्मा व राजिम माता के ऑडियो कैसेट का निर्माण कर उन्हें जन-जन तक पहुंचाया है ।
लुप्त कलाओ एवं लोक गाथाओ को लगातार कायम रखने के लिए मोहन सुंदरानी ने महत्वपूर्ण कार्य किये है । इन कलाओ के प्रचार प्रसार के लिए उन्होंने फिल्मो के माध्यम से दशय व संगीत की कल्पना कर इन कलाओं को स्थापित करने का प्रयास लगातार कर रहे है ।
500 वर्ष पुरानी छत्तीसगढ़ी की लोक कथा लोरिक चंदा का निर्माण कर प्रचार प्रसार किया । पारम्परिक बिहाव गीत जो रीती रीवाजो पर आधारित है उनको वीडियो सीडी के माध्यम से जारी कर जन-जन तक पंहुचा रहे है ।
आदिवासी क्षेत्रों के लिए गौरा-गौरी, सुवा डंडा गीतों को वीडियो सीडी के रूप में निर्माण कर इन पारम्परिक कलाओं का प्रचार प्रसार कर रहे है ।
Photo Gallery
#foogallery-gallery-76942_1 .fg-image { width: 200px; }Interview with CG Film Producer Mohan Sundrani
https://www.youtube.com/watch?v=0yPPy_TIsgc