cgfilm.in 10 दिवसीय छत्तीसगढ़ स्तरीय लोकवाद्य कार्यशाला शिविर का समापन
छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग एवं कुहुकी के संयुक्त तत्वावधान में जारी 10 दिवसीय छत्तीसगढ़ स्तरीय लोकवाद्य कार्यशाला शिविर का समापन मंगलवार 10 जून की शाम कुहुकी कला ग्राम संग्रहालय परिसर, मैत्रीबाग चौक, मरोदा सेक्टर में हुआ। मौसम बिगडऩे और बारिश होने के बावजूद सभी अतिथि और दर्शक मौजूद रहे और कलाकारों को भरपूर प्रोत्साहन दिया।
इस दौरान मुख्य अतिथि दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ी लोककला और लोकवाद्य के संरक्षण में रिखी क्षत्रिय के कार्य को
अनुकरणीय बताते हुए कहा कि कुहुकी कला ग्राम संग्रहालय के लिए शासन-प्रशासन के स्तर पर जब भी उनकी पहल की जरूरत होगी, वह हमेशा तैयार रहेंगे।
शुरूआत में अतिथियों के स्वागत उपरांत श्रीमती अन्नपूर्णा क्षत्रिय ने अपने स्वागत भाषण में जानकारी दी कि इस साल 2 जून से यह शिविर आयोजित था,
जिसमें छत्तीसगढ़ अंचल के लोकवाद्य शिल्पकारों ने अपनी भागीदारी दी। उन्होंने बताया कि विगत 20 वर्ष से हर वर्ष होने वाले इस शिविर में शिल्पकार न सिर्फ अपनी कलाकृतियों और वाद्य यंत्रों का निर्माण करते रहे हैं बल्कि एक दूसरे की कला को सीखते भी हैं।
अध्यक्षता कर रहे स्टील एक्जीक्युटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (सेफी) प्रेसीडेंट और बीएसपी ऑफिसर्स एसोसिएशन भिलाई के चेयरमैन नरेंद्र बंछोर ने छत्तीसगढ़ी लोककला के संरक्षण में ऐसे शिविरों के आयोजन को एक जरूरी पहल बताते हुए कहा कि हमारी कला व संस्कृति इन्हीं माध्यमों से देश और दुनिया में फैलेगी।
आयोजन को विशेष अतिथि नगर पालिक निगम, रिसाली सभापति केशव बन्छोर, मरौदा, पुरैना मंडल अध्यक्ष राजू जंघेल और नगर पालिका निगम, रिसाली के महापौर परिषद सदस्य सनीर साहू ने भी संबोधित किया।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए आयोजक व लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय ने विपरीत मौसम के बावजूद अतिथियों और दर्शकों की मौजूदगी के लिए आभार जताया। उन्होंने मुख्य अतिथि विधायक ललित चंद्राकर का कुहूकी कलाग्राम परिसर के सौंदर्यीकरण और कलाकारों के लिए ग्रीन रूम ने निर्माण की जरूरत पर ध्यानाकर्षण करवाया। इस पर विधायक चंद्राकर ने हर संभव पहल करने का आश्वासन दिया।
लोकगाथा भरथरी का मंचन आज से कला मंदिर में
भिलाई। संस्था रंग सरोवर की प्रस्तुति लोकनाट्य उत्सव का आयोजन गुरुवार 12 और शुक्रवार 13 जून की शाम महात्मा गांधी कला मंदिर सिविक सेंटर में किया जा रहा है। जिसमें छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित लोकगाथा भरथरी का मंचन होगा। दोनों दिन शाम को 7 बजे से शुरू होने वाले इस मंचन में छत्तीसगढ़ की प्रचलित भरथरी गायन शैली को पहली बार मंच पर नाटक शैली में प्रस्तुत
किया जा रहा है। जिसमें आलेख, गीत, संगीत एवं निर्देशन भूपेन्द्र साहू का है। आयोजन की तैयारियां पूरी हो चुकी है। निर्देशक भूपेंद्र साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ अंचल के सांस्कृतिक धरातल पर समृद्ध लोक गाथा भरथरी को पहली बार दर्शक नाट्य शैली में देखेंगे। समन्वयक पद्मश्री डॉक्टर राधेश्याम बारले ने कला प्रेमियों से इस अवसर पर उपस्थिति की अपील की है।

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