राजिम

cgfilm.in गरियाबंद। राजिम कुंभ कल्प 2025 में 14 फरवरी को तीसरे दिन मुख्य मंच के प्रमुख आकर्षण हास्य व्यंग्य के कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे होंगे। वे अपनी कविताओं से लोगों को गुदगुदाएगें। साथ ही गरिमा दिवाकर की टीम और आरती बारले की टीम द्वारा लोक कला मंच की प्रस्तुति से छत्तीसगढ़ संस्कृति की झांकी लोकगीत और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करेंगी।

सांस्कृतिक मंच में दोपहर 3 से 7 बजे तक छग के प्रसिद्ध कलाकार सुखदेव बंजारे पंथी नृत्य करेंगें। कु. रितिका सिकट छत्तीसगढी रिमिक्स का मनमोहक प्रदर्शन अपनी कला के माध्यम से करेंगी। अजय करमोकर संगीत से समा बांधेगें। महेंद्र सिंह चौहान पंडवानी गायन से दर्शकों को महाभारत के विभिन्न प्रसंगों को बताएगें। भुनेश्वरी की टीम मानस गायन से भक्तिमय माहौल बनाएगी।

इनके अलावा दुर्गा रानी जायसवाल लोक कला मंच, रंजमत बाई कंवर, मुकेश कुमार नेताम मांदरी नृत्य, अर्जुन चेलक मंगल भजन, जगराता ग्रुप, नारद चक्रधारी, भगवंतीन कुर्रे सांस्कृतिक मंच पर झमाझम प्रस्तुति देंगें।

राजिम कुंभ 2025 में इस बार एक नई ऊर्जा और हास्य का तड़का देखने को मिलेगा, जब प्रसिद्ध हास्य कवि और पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे अपनी हास्य-व्यंग्य कविताओं के साथ मंच पर उतरेंगे। सुरेन्द्र दुबे, जिनकी कविताओं और हास्य में व्यंग्य का अनूठा मिश्रण होता है, ने हमेशा अपनी रचनाओं से दर्शकों को गुदगुदाया है। उनका आगामी प्रस्तुति इस साल के कुंभ मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रमुख आकर्षण बनेगा।

सुरेन्द्र दुबे की कविताओं में समाज के विभिन्न पहलुओं पर चुटीला और व्यंग्यपूर्ण नजरिया देखने को मिलता है। वे कभी राजनीतिक मुद्दों, कभी सामाजिक मुद्दों और कभी जीवन की सामान्य स्थितियों पर अपने शब्दों से हास्य उत्पन्न करते हैं। उनके शब्दों में गहरी सोच और सामाजिक जागरूकता की छाप भी रहती है, जो किसी भी मंच पर उपस्थित लोगों को न केवल हंसने पर मजबूर करती है, बल्कि सोचने के लिए भी प्रेरित करती है।

राजिम कुंभ में उनकी प्रस्तुति दर्शकों के लिए एक विशेष अनुभव होगी, क्योंकि उनकी कविताओं का हर शेर, हर लाइन हंसी और विचारशीलता का बेहतरीन संयोजन प्रस्तुत करता है। सुरेन्द्र दुबे के हास्य-व्यंग्य के अनूठे अंदाज से दर्शक हर पल मंत्रमुग्ध हो जाएंगे, और उनके कार्यक्रम में शामिल होने वालों को बेहद आनंद का अनुभव होगा।

इस वर्ष के कुंभ मेला आयोजन में जहां धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का महत्व है, वहीं हास्य-व्यंग्य कविताओं का यह सत्र एक राहत की लहर लाएगा। सुरेन्द्र दुबे के शब्दों का जादू दर्शकों को न केवल हंसी से भर देगा, बल्कि उन्हें जीवन के सरल लेकिन महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने की भी प्रेरणा देगा।

उनकी इस प्रस्तुति का सभी को बेसब्री से इंतजार है, और यह कार्यक्रम राजिम कुंभ 2025 की एक और रंगीन शाम को खास बना देगा।