CGFilm – 3 मार्च, मंगलवार को पेश हुए छत्तीसगढ़ राज्य के बजट में वैसे तो सभी वर्गों का खास ख्याल रखा गया है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई सहित अन्य क्षेत्रों के विशेष प्रावधान किया गया है। लेकिन राज्य के बजट से छत्तीसगढ़ी फिल्म विकास निगम को कुछ भी नहीं मिलने से कलाकार निराश है। वैसे आपको बता दें कि संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने पिछले महीने ही छत्तीसगढ़ी फिल्म सिटी बनाने के साथ ही अन्य कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं, लेकिन बजट में इसे लेकर कोई प्रावधान नहीं है। तो ऐसे माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ी फिल्म विकास निगम के निर्माण का मार्ग फिलहाल प्रशस्त नहीं हो सकेगा।
छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माता और निर्देशक संतोष जैन ने Cgfilm.in से चर्चा करते हुए बताया कि बजट में छत्तीसगढ़ी फिल्म कलाकारों और छत्तीसगढ़ फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर किसी तरह का कोई प्रावधान नहीं रखे जाने से निराशा हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बजट में इतना अवश्य है कि लोक कलाकारों के लिए इसमें 25 करोड़ का प्रावधान रखा है। यह एक अच्छी पहल है।
संतोष जैन जी का कहा है कि छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े निर्माता, निर्देशक और कलाकारों ने राज्य सरकार से मांग की थी कि छत्तीसगढ़ फिल्मों को प्रोत्साहित करने ग्रामीण इलाकों, कस्बों और गांवों में छोटे-छोटे टॉकीज खोल जाएं, लेकिन बजट में इसे लेकर कुछ भी प्रावधान नहीं रखा गया है, इससे निराशा हुई है।
गौरतलब है कि बजट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना शुरू की जायेगी। इसके अंतर्गत परंपरागत नृत्य, गायन, रंगमंच एवं लेखन कार्य के लिये समर्पित लोक कलाकारों एवं उनके आश्रितों को पेंशन, छात्रवृत्ति, वाद्य यंत्र क्रय तथा लोक महोत्सव के आयोजन हेतु आर्थिक सहायता दी जायेगी।
आपको बता दें कि पिछले महीने ही संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने अपने निवास कार्यालय में हुई बैठक में फिल्म विकास निगम का सेल गठित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। इसमें प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने के साथ ही आवश्यक कम्प्यूटर आदि उपकरण की भी व्यवस्था करने कहा गया था। उन्होंने कहा था कि पुरखौती मुक्तांगन के समीप लगभग 300 एकड़ क्षेत्र में फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा। फिल्म नीति लगभग बन कर तैयार है और उसका परीक्षण किया जा रहा है। श्री भगत ने फिल्म बनाने के लिए अन्य राज्यों से आने वालों को सुविधा देने की भी बात कही है। फिल्म निर्माण के लिए जरूरी गायन, वादन, अभिनय, लाईट, साउण्ड, कैमरा आदि का प्रशिक्षण राज्य के कलाकारों को कौशल विकास योजनाओं से जोड़कर दिए जाने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि इसके लिए खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय और रायपुर के कमला देवी संगीत महाविद्यालय से भी सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्म को बाजार मिले इसके लिए राज्य के जिन जिलों में सिनेमा घर नहीं है, वहां भी सिनेमा दिखाने की व्यवस्था होनी चाहिए।