cgfilm.in संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित पावस प्रसंग के दूसरे दिन मुक्ता काशी मंच पर बिखरी जोरदार शास्त्रीय नृत्य- गीत संगीत की छटा। नन्ही नृत्यांगनाओं सहित बहत्तर वर्षीय सुरेश दुबे,शफीक हुसैन की सारंगी वादन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पावस प्रसंग में शामिल कलाकारों का सम्मान छत्तीस छटा के संस्थापक वरिष्ठ रंगकर्मी विजय मिश्रा ‘अमित’ ने किया। उन्होंने युवा पीढ़ी के उभरते कलाकारों को बधाई देते हुए सतत रियाज रिहर्सल करने पर जोर दिया। रायपुर की पन्द्रह वर्षीया
कथक नृत्यांगना आशना दिल्लीवार ने शिव वंदना, राग मिया मल्हार पर नृत्य,लखनऊ घराने का तराना,त्रिताल में तत्कार का मोहक प्रदर्शन किया। सुमधुर शास्त्रिय गायिका स्वाति तिवारी ने बनारस घराने की ठुमरी,झूला गीत से राधा- कृष्ण के झूला उत्सव को जीवंत किया। कार्यक्रम में चक्रधर कत्थक कल्याण केंद्र राजनादगांव के डॉ कृष्ण कुमार सिन्हा के निर्देशन में गंगा अवतरण को सूर ताल नृत्य से चित्रित किया गया। उनकी तीन पीढ़ियों में शामिल बेटे तुषार,पौत्री प्रसिद्धि सिन्हा के समूह ने वर्षा ऋतु के नयनाभिराम दृश्य को भी कत्थक कला से साकार किया।