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CGFilm.in छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग ने अपने नए संचालक के निर्देश पर नए लेखकों की पहली रचना प्रकाशन के लिए देने वाला अनुदान समाप्त कर दिया है। अब उस राशि को विभाग निजी प्रकाशन के लिए खर्च करेगा।

छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग में नए लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी पहली पुस्तक के प्रकाशन पर अनुदान दिया जाता था। यह क्रम नया राज्य बनने से अनवरत चलता रहा लेकिन वर्तमान में नए संचालक आईएफएस श्री आचार्य ने इस अनुदान को यह कह कर बंद करवा दिया कि यह मद निजी प्रकाशन के लिए है न कि नए लेखकों की पुस्तक को प्रकाशन को देने के लिए। वास्तव में नए लेखकों की रचना प्रकाशन योग्य होने पर जिसका निर्णय विभागीय कमेटी लेती थी को अधिकतम पच्चीस हजार रुपए दिए जाते थे जिसमें और पैसे मिलाकर नया लेखक पुस्तक प्रकाशित करवाता था और बीस प्रति विभाग में जमा करता था।

इस पुस्तक पर लेखक का सर्वाधिकार होता था और उसके प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी भी लेखक की होती थी। परंतु अब नए निर्णय के कारण यह राशि नए लेखकों को नहीं मिलेगी। हालांकि अभी भी कमेटी अस्तित्व में है। इस संबंध में जब सीजी डाट इन ने पुस्तक प्रकाशन के संबंध में अधिकारियों से जानना चाहा तो उनका टका सा जवाब था। साहब के अनुसार पुस्तक विभाग प्रकाशित करवाएगा। उनसे जब यह पूछा गया कि अगर आप लेखक से पुस्तक लेंगे तो उसके पारश्रिक पर भी कोई चर्चा हुई है तो उन्होंने बताया कि अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। याने मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

इस मामले में एक पेंच यह भी है कि करोना काल में कोई भी अधिकारी मिलता नहीं है और दूरभाष पर संपर्क करने की बात विभाग में कही जा रही है।