सुकवा

cgfilm.in निर्देशक मनोज वर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म सुकवा एक लोक कथा पर आधारित है जिसकी कहानी ललित कुमार निषाद के द्वारा लिखी गई है एवं पटकथा संवाद मनोज वर्मा ने लिखी है। फिल्म की शूटिंग बस्तर क्षेत्र के भानुप्रतापपुर के निकट भानबेड़ा और कुर्री गांव में हुई है साथ ही अभनपुर के ग्रेसियस कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग में हुई है इस फिल्म में ग्राफिक्स का भी काफी इस्तेमाल हुआ है

जिसे प्रवीर कुमार दास ने किया है और वीएफएक्स के लिए जो शूटिंग रायपुर में हुई है। फिल्म के संपादक तुलेन्द्र पटेल हैं ऑडियोग्राफी स्वप्निल स्टूडियो के प्रबोध रंजन साहु जी की है रिकॉर्डिस्ट नूतन सिन्हा है, फिल्म के गीतकार ओंकार सिंह चौहान मनोज वर्मा सुनील सोनी, दास मनोहर हैं।

सुकवा में सुपरस्टार मन कुरैशी, दीक्षा जायसवाल प्रदेश की जानी-मानी लोग गायिका एवं एनएसडी दिल्ली से पास-आउट गरिमा दिवाकर इसमें मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म में लोगों को हंसा हंसा कर लोटपोट करने का काम छत्तीसगढी एवं भोजपूरी फिल्मों के सुपर कमेडियन संजय महानंद, दुर्ग के हेमलाल कौशल, पप्पू चंद्रार एवं भिलाई के संतोष बोचकू, सेवक यादव, ओंकार चौहान ने किया है। जबकि इस फिल्म में पुष्पेन्द्र सिंह, विनय अम्बस्ट एवं क्रांति दीक्षित के जर्बदस्त खलनायकी देखने को मिलेगी।

इसके अलावा छॉलीवुड के सुप्रसिद्ध एक्टर अंजलि चौहान, मनोज जोशी, शीतल शर्मा, उपासना वैष्णव के अभिनव का जलवा देखने को मिलेगा। निर्देशक मनोज वर्मा ने बताया कि यह फिल्म फूल इंटरटैनमेंट के साथ ही एक संदेशात्मक व पूरा पैसा वसूल फिल्म है। अब तक जितनी छत्तीसगढी फिल्म बनी है, उसमें ये एकदम अलग सब्जेट की फिल्म है। जिस तरह एक अलग प्रकार की फिल्म भूलन द मेज थी।

नई दिल्ली, 11 जनवरी 2025: फिल्म उद्योग में अपनी विशिष्टता और विषयवस्तु के लिए चर्चित फिल्म ‘सुकवा’ की शूटिंग बस्तर के ऐतिहासिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र में की गई है। बस्तर, छत्तीसगढ़ का एक क्षेत्र, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पारंपरिक संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, और इस फिल्म ने इस क्षेत्र के सौंदर्य को बखूबी पर्दे पर उतारा है।

‘सुकवा’ एक सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्म है, जो पुराने कुरीतियों और अंधविश्वासों के खिलाफ एक मजबूत संदेश देती है। फिल्म का निर्देशक और निर्माता, दोनों ही इस क्षेत्र की खूबसूरती और सांस्कृतिक धरोहर से गहरे प्रभावित थे, और उन्होंने इसे अपनी कहानी का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया। बस्तर की हरी-भरी वादियाँ, पहाड़, नदियाँ और गांवों की पारंपरिक सादगी फिल्म में जीवंतता और वास्तविकता का अहसास कराती हैं।

फिल्म के प्रमुख कलाकारों ने बस्तर की स्थानीय संस्कृति और वहां के लोगों के साथ तालमेल बैठाकर इस क्षेत्र की जीवनशैली को सटीक रूप से प्रस्तुत किया है। फिल्म में जहां एक ओर स्थानीय परंपराओं और कुरीतियों का चित्रण किया गया है, वहीं दूसरी ओर बस्तर के आदिवासी जीवन की वास्तविकता को भी उजागर किया गया है।

इस फिल्म की शूटिंग के दौरान बस्तर के आदिवासी गांवों में कई चुनौतियाँ सामने आईं, लेकिन वहां के स्थानीय निवासियों की मदद से इन समस्याओं को हल किया गया। शूटिंग के दौरान स्थानीय कलाकारों और संस्कृति को भी फिल्म में अहम भूमिका दी गई, जिससे बस्तर की पहचान और धरोहर को सही मायनों में दर्शाया जा सका।

‘सुकवा’ फिल्म की शूटिंग बस्तर में हुई थी, लेकिन इसे दर्शकों के लिए प्रस्तुत करना एक चुनौती भी थी, क्योंकि इस क्षेत्र का उपयोग पहले बॉलीवुड में सीमित रूप से हुआ है। हालांकि, फिल्म की टीम का मानना है कि बस्तर की असली खूबसूरती और सच्चाई को दर्शाना बहुत महत्वपूर्ण था।

यह फिल्म न केवल बस्तर की खूबसूरत वादियों का दृश्यात्मक अनुभव देती है, बल्कि यह उस सामाजिक जागरूकता और परिवर्तन की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है, जो आज भी इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों में आवश्यक है। ‘सुकवा’ का संदेश साफ है – बदलाव संभव है, और इसके लिए हमें सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वासों का सामना करना होगा।