आदिवासी अंचल

cgfilm.in कुहुकी कला ग्राम मरोदा सेक्टर में 10 दिवसीय राज्य स्तरीय लोक वाद्य कार्यशाला जारी
भिलाई। छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग के सहयोग से 10 दिवसीय राज्य स्तरीय लोक वाद्य कार्यशाला शिविर संग्रहालय परिसर कुहुकी कला ग्राम मरोदा सेक्टर मैत्री बाग चौक के बाजू में जारी है। विगत 20 वर्ष से हर वर्ष होने वाले इस शिविर में छत्तीसगढ़ अंचल के दूर-दराज से आए कलाकार न सिर्फ अपनी कलाकृतियों और वाद्य यंत्रों का निर्माण करते रहे हैं बल्कि एक दूसरे की कला को सीखते रहे हैं। वहीं आगंतुक भी अपनी आंखों के सामने बनते वाद्य यंत्र व कलाकृतियां देख मंत्रमुग्ध है।

तैयार हो रहे हैं परंपरागत व दुर्लभ वाद्य:-
शिविर में दूर-दराज के अंचल के अलग-अलग गांव से पहुंचे शिल्पकार परंपरागत वाद्ययंत्र तैयार कर रहे हैं। ग्राम बम्हनी जिला कोण्डागांव के फूलसिंह यहां सुधीर और ढुसीर वाद्य बना रहे हैं। चमड़ा मढ़ा हुआ यह बाजा सागौन लकड़ी का बनाया है। आदिवासी अंचल में इसे परंपरागत ढंग से इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें एक ही लकड़ी को लेकर बिना किसी जोड़ के छील कर आकार देते

हुए ढुसीर और सुधीर बनाते हैं। ग्राम गाड़ाडीह बडग़ांव जिला बालोद के नंद कुमार देवार यहां देवार समुदाय की सारंगी बना रहे है, जिसमें नारियल के खोल का इस्तेमाल करते हैं। वहीं इसे बजाने के लिए बबूल और इमली आदि की जड़ से विशेष लकड़ी तैयार करते हैं।
इसी तरह लौह कला में ग्राम बनिया पारा जिला कोण्डागांव से रामदास, बेलमेटल में ग्राम दहीकोंगा कोंडागांव से शीबू कश्यप, मिट्टी कला में ग्राम कुम्हार पारा जिला कोण्डागांव रामदास डमरू, काष्ठ कला में डौंडी लोहारा ग्राम फूलझर जिला बालोद से दीपक तारम व ग्राम बनबोड जिला खैरागढ़ से पन्ना लाल, रूंझू वाद्य में नीलकंठ देवार, तंबूरा में रनचिरई (बालोद) से रामकुमार पाटिल, खंजेरी में ग्राम पचपेड़ी जिला राजनांदगांव से बिजेलाल, ढुसीर वाद्य में डोरेलाल और चरहे वाद्य में चमन यहां अपना हुनर दिखा रहे हैं।

रिखी ने बताया कि शिविर की वजह से शिल्पकारों को बाजार मिल रहा है, वहीं सभी को एक दूसरे की कला सीखने का अवसर भी मिल रहा है। इससे शिल्पकार अपनी-अपनी कला में निखार ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 5 जून से शुरू हुई कार्यशाला में प्रतिदिन सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से 7:30 बजे तक कार्य चलता है। उन्होंने बताया कि शिविर के
व्यवस्थित संचालन के लिए टीम से भोजन व्यवस्था श्रीमती अन्नपूर्णा क्षत्रिय, भोज-जनसंपर्क में गायक कुलदीप सार्वा, अजय उमरे, दिनेश वर्मा, राजेश साहू, नवीन साहू, संजू, नेहा, जया और अनुराधा का विशिष्ट योगदान है।
शिविर का समापन 10 को

संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन एवं कुहुकी के संयुक्त तत्वावधान में जारी 10 दिवसीय लोकवाद्य कार्यशाला शिविर का समापन मंगलवार 10 जून की शाम कुहुकी कला ग्राम संग्रहालय परिसर, मैत्रीबाग चौक, मरोदा सेक्टर में होने जा रहा है। मुख्य अतिथि दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर होंगे। अध्यक्षता स्टील एक्जीक्युटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (सेफी) प्रेसीडेंट और बीएसपी ऑफिसर्स एसोसिएशन (ओए) भिलाई के चेयरमैन नरेंद्र बंछोर करेंगे।

विशेष अतिथि नगर पालिक निगम, रिसाली सभापति केशव बन्छोर, मरौदा, पुरैना मंडल अध्यक्ष राजू जंघेल, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार परदेशी राम वर्मा और नगर पालिका निगम, रिसाली के महापौर परिषद सदस्य सनीर साहू होंगे। इस अवसर पर लोक रागिनी, लोक कला मंच द्वारा लोक गीत एवं लोक नृत्य
की रंगारंग प्रस्तुति होगी। आयोजक रिखी क्षत्रिय, अन्नपूर्णा क्षत्रिय, कुहुकी एवं लोक रागिनी परिवार वार्ड-12, मरोदा सेक्टर ने कला प्रेमियों से इस अवसर पर उपस्थिति की अपील की है।