कौशल काव्य धारा

cgfilm.in रायपुर। साहित्यिक संस्था ‘कौशल काव्य धारा ‘द्वारा वृंदावन हॉल में “दिल की बातें’ पर केंद्रित काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया.गोष्ठी में हिंदी के मशहूर व्यंग्यकार गिरीश पंकज मुख्य अतिथि, आचार्य अमरनाथ त्यागी तथा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ माणिक विश्वकर्मा विशिष्ट अतिथि थे.सर्वप्रथम मां शारदा की पूजा-अर्चना उपरांत कवित्री सुषमा पटेल द्वारा वंदना की प्रस्तुति की गई।संस्था के अध्यक्ष डॉ जे के डागर “विद्यासागर”, संरक्षक विजय मिश्रा ‘अमित’ ने अतिथियों का स्वागत किया. गोष्ठी का मोहक संचालन सुनील पांडे द्वारा किया गया.
*डॉ माणिक नवरंग ने ग़ज़ल सुनाई..
दर्द के आंकड़े रह गये
हम खड़े के खड़े रह गये
देख के मोतियों की लड़ी
पत्थरों में ही पड़े रह गये
*डॉ जे के डागर-
यूं ही कोई किसी को भी छोड़ता नहीं
खून औ जिगर के रिश्ते तोड़ता नहीं
खुद ब खुद मुड जाती है तकदीर से
तूफ़ाँ की ओर कश्ती को मोड़ता नहीं
*सुनील पांडे ने सुनाया –
दिल से दिल को सरोकार होता है
ख्यालों में किसी के गुलजार होता है
*विजय मिश्रा ने पढ़ी-
दहकती हुई आग में तड़कती हुई चूड़ियां, महिला मजदूरों के पावं की फटती हुई एड़ियां,
देखकर कैसे कह दूं कि जिंदगी है बढ़िया।
गोष्ठी में डॉ महेंद्र ठाकुर, रवि देवांगन, राजेन्द्र ओझा,यशवंत यदु जोशीला,मुन्ना लाल यदु, राजेन्द्र रायपुरी, शिवानी मैत्रा ने काव्य पाठ से वाहवाही लूटी। डाॅ विजय मिश्रा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।