cgfilm.in राजिम कुंभ 2025 का रंग और उल्लास बढ़ाते हुए, लोक कलाकारों ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। कुंभ मेले के विशेष मंच पर, गरिमा शर्मा की टीम ने अपनी प्रस्तुति ‘पैरी की धार’ में लोक नृत्य के साथ दर्शकों का दिल जीत लिया। इस नृत्य नाटक में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को खूबसूरती से दर्शाया गया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
‘पैरी की धार’ में नृत्य, संगीत और लोक गीतों का मिश्रण था, जो राजिम कुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल में जीवंतता और जोश लेकर आया। गरिमा शर्मा और उनकी टीम के कलाकारों ने बेहद प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिसमें पारंपरिक लोक नृत्य, भावनात्मक अभिनय और रंग-बिरंगे परिधान ने आयोजन को और भी शानदार बना दिया। दर्शकों ने इस शानदार प्रस्तुति का जमकर स्वागत किया और कलाकारों को तालियों से नवाजा।
यह कार्यक्रम विशेष रूप से राजिम कुंभ के सांस्कृतिक पक्ष को उजागर करने के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों की मेहनत और कला की झलक दिखाई दी। ‘पैरी की धार’ के जरिए कलाकारों ने नदी और समाज के बीच संबंध को प्रदर्शित किया, जो स्थानीय संस्कृति और आस्था को व्यक्त करता है।
इस प्रस्तुति के दौरान, टीम के कलाकारों ने अपनी तन्मयता और समर्पण से हर कदम पर उत्साह का संचार किया। दर्शकों ने इन कलाकारों की मेहनत और कला के प्रति सम्मान जताया, जिससे इस कार्यक्रम को एक ऐतिहासिक सफलता मिली।
राजिम कुंभ का यह सांस्कृतिक पहलू न केवल राज्य के लोक कलाकारों को मंच प्रदान करता है, बल्कि छत्तीसगढ़ की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। गरिमा शर्मा की टीम और अन्य कलाकारों ने साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ की लोक कला का महत्व और अद्वितीयता वैश्विक स्तर पर पहचानी जा सकती है।
12 फरवरी से राजिम कुंभ कल्प का शुभारंभ हो गया है। कुंभ मेला के सांस्कृतिक मंच में प्रतिदिन कलाकारों की शानदार प्रस्तुति होगी। मेला के प्रथम दिवस सांस्कृतिक मंच में छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति को सहेजते हुए कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक सुवा, कर्मा, ददरिया, मानस प्रसंग राउत नाचा को बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया। नवजोती मानस परिवार भैसमुंडी के द्वारा मानस प्रसंग के द्वारा राम की महिमा को बताया गया।
जिसमें कहा गया कि राम नाम ही इस जगत में सत्य है जिसके सुमिरन मात्र से ही मन को शांति मिलती है। अनगिनत कष्टों को भोगते हुए वियोग में रहते हुए भी अपने चंहुओर सुख का प्रकाश जो
श्रीराम मनुष्य को हमेशा अपने मन, वचन और कर्म से सत्य का पालन करते हुए शुद्ध भाव रखना चाहिए और काम, क्रोध, लोभ, माया से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में सुमधुर राम भजनो ने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम की अगली कड़ी मोहन लाल साहू मगरलोड ने हरी कीर्तन कर जीवन मे भक्ति भजन के महत्व को बताया। भोजबाई ने फाग गीत में होली का माहौल बनाया। शिवराज धीवर ने नाचा के माध्यम से भुईया के गोठ की शानदार प्रस्तुति दी।
गरिमा शर्मा की टीम ने पैरी की धार में लोक नृत्य की प्रस्तुति से धुम मचा दिया। कुवर दास डहरिया की टीम ने पंथी संत-पंथ भजन से गुरु घासीदास के संदेश को दर्शकों तक बहुत ही सुंदर आवाज में दर्शकों तक पहुंचाया। मीना साहू ने पंडवानी के माध्यम से महाभारत के विभिन्न प्रसंगों को गायन और अपने सुंदर हाव-भाव के साथ वीर रस में बताया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।