CgFilm.In आर्यन फिल्म प्रोडक्शन के निर्देशक श्री रामानन्द तिवारी ने बताया कि इस करोना काल में मरीज़, हास्पिटल के डाक्टर, नर्स ,और उसके परिवार को जो परेशानियां हुई है, उन सभी को ध्यान रखते हुए इस फिल्म की कहानी लिखी गई है।इस फिल्म की शूटिंग शुयश हांस्पिटल , गुड़ियारी , रायपुर में चल रही है।वुमन हांस्पिटल के संचालक के अनुसार हर मरीज़ की जान बचाने के लिए पूरा स्टाफ रात दिन काम करते हुए इस बिमारी पर काबू पाया गया। छत्तीसगढ़ राज्य में करोना काल में शासन की तरफ से भी पूरा सहयोग मिला और यही कारण है कि इस राज्य के नागरिक सुरक्षित रहे हैं, परन्तु करोना फाइटर और उनके परिवार को बहुत परेशानियां का सामना करना पड़ा। परन्तु इसके बावजूद वे अपनी जान की बाजी लगा कर अपने कर्तव्य का पालन किए। कुछ करोना फाइटर इस बिमारी में सेवाएं देते देते आज हमारे बीच नहीं हैं।
फिल्म ” करोना फाइटर ” के निर्देशक रामानन्द तिवारी जी ने इसी ज्वलंत मुद्दों को ले कर यह फिल्म बनाई है। वे समाज में आए जो भी सामाजिक बुराई और समस्या है उस के उत्थान पर फिल्म बनाते रहे हैं।
हम शुयश हांस्पिटल के प्रबंधन की तरफ से इस फिल्म को बनाने पूरा सहयोग मिला और करोना काल में उपयोग होने वाले सभी पीपी कीट और सुरक्षा उपकरण प्रदान किया। साथ ही साथ फिल्म में मौलिकता बनाने हेतु हास्पिटल के डाक्टर , नर्स और स्टाफ का पूरा सहयोग मिला।कोविड जो कि एक पेंडेमिक का समय था ऐसे समय मे फैसला लेना बहोत ही मुश्किल था कि क्या कब कैसे करे और इन सभी फैसलों में कुछ ऐसी कहानी भी है जो कि अनसुनी है।
एक आम व्यक्ति की कहानी मेडिकल फील्ड में काम करने वालो की कहानी कई परिवार की कहानी और ऐसे ही पलो को जिसे हम ये नही कह सकते कि ये पल अच्छे थे पर ऐसे पल में भी जो फाइटर की तरह काम करते रहे उनसे लड़ने के लिए जिनसे बचना बहोत मुश्किल था ऐसी कहानी है फाइटर । आर्यन फ़िल्म के द्वारा बनाई जा रही इस कहानी में जिसकी संकल्पना रामानंद तिवारी ने की है सुयश हॉस्पिटल के द्वारा इस परिस्तिथि से अवगत कराने के लिए और अनुसने कहानी को दिखाने के लिए कदम उठाया जा रहा है ये फ़िल्म उन सभी कोरोना फाइटर को समर्पित है जिन्होंने ऐसे समय मे अपने जान की परवाह किये बिना सब के लिए और अपने फ़र्ज़ के लिए एक फाइटर के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वाह किया है।