एकान्त चौहान (cgfilm.in )। अगले महीने 12 फरवरी को मोहिनी, चंदू अऊ चांदनी, प्रेम के बंधना के बाद छत्तीसगढ़ी फिल्मों के जाने-माने निर्देशक शिवनरेश केशरवानी की एक और लव स्टोरी प्रदर्शित होने वाली है। इस फिल्म के निर्माता रवि शुक्ला और शिवनरेश केशरवानी है। आपको जानकार सुखद आश्चर्य होगा कि इस फिल्म की शूटिंग सिर्फ 35 दिनों में ही पूरी हुई है और निर्देशक शिवनरेश केशरवानी फिल्म को लेकर पूरी तरह आशान्वित है कि ये फिल्म दर्शकों को जरूर टॉकीज तक खींच लाने में पूरी तरह कामयाब होगी। फिल्म और केशरवानीजी के फिल्मी सफर को लेकर Cgfilm.in से फोन पर हुई उनकी लंबी चर्चा हुई। चर्चा में उन्होंने फिल्म से जुड़ी कई बातें Cgfilm.in से सांझा की।
एक और लव स्टोरी फिल्म के निर्देशक और निर्माता शिवनरेश केशरवानी से Cgfilm.in की विशेष चर्चा
एकान्त चौहान – केशरवानीजी सबसे पहले तो फिल्म एक और लव स्टोरी के बारे में कुछ बताइए?
शिवनरेश केशरवानी – एक और लव स्टोरी एक बेहतरीन प्रेम कहानी पर बनी शुद्ध पारिवारिक फिल्म है। फिल्म 12 फरवरी 2021 को आपके नजदीकी सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। फिलहाल पूरे छत्तीसगढ़ में फिल्म के लिए 17-18 थियेटर की मंजूरी लगभग पूरी हो गई है। हम शीघ्र ही इसे और सिनेमाघरों में रिलीज कराने प्रयासरत हैं, ताकि ये फिल्म ज्यादा से ज्यादा दर्शकों के सामने आ सके।
एकान्त चौहान – फिल्म की शूटिंग और लोकेशन के बारे में कुछ बताइए?
शिवनरेश केशरवानी – फिल्म की शूटिंग हमने सिर्फ 35 दिनों में पूरी की है। फिल्म की शूटिंग छत्तीसगढ़ में ही हुई है। और ज्यादातर हिस्से बिलासपुर के आसपास ही शूट किए गए हैं।
एकान्त चौहान – फिल्म में कितने गाने हैं और आवाज किसने दी है?
शिवनरेश केशरवानी – इस फिल्म में कुल 5 गाने हैं। गानों की शूटिंग भी छत्तीसगढ़ में ही हुई है। एक गाना बस ही भुवनेश्वर (ओडिशा) में कम्पीलट किया गया है। इसके दो गाने पिया रे…जिया रे… और नैना ले…नैना ले… यू-ट्यूब पर पहले ही धूम मचा चुका है। फिल्म में गानों को स्वर दिया है मशहूर गायक अनुराग शर्मा और अनुपमा मिश्रा ने। इसके साथ ही आपको इस फिल्म के गाने में श्रद्धा मंडल और रोशन वैष्णव की आवाज भी सुनाई देगी।
एकान्त चौहान – फिल्म के अभिनेता और अभिनेत्री?
शिवनरेश केशरवानी – फिल्म के अभिनेता छत्तीसगढ़ी फिल्मों के जाने-माने कलाकार मन कुरैशी हैं। अभिनेत्री ट्विंकल उड़ीसा की है।
एकान्त चौहान – छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अपने सफर के बारे में कुछ बताइए?
शिवनरेश केशरवानी – वैसे तो मुझे कला के क्षेत्र में रुझान शुरू से ही रहा है। पर छत्तीसगढ़ी फिल्मों से मैं वर्ष 2001 से जुड़ा हूं। एलबम के दौर में मैंने 4000 से ज्यादा गानों की शूटिंग की। इसके साथ ही प्रोडक्शन का काम भी किया। इसके बाद मैंने 2009 में खुद के प्रोडक्शन में फिल्म मोहिनी का निर्माण किया। ये मेरी पहली फिल्म थी। इसी के साथ दो और फिल्म का निर्माण किया। छत्तीसगढ़ी फिल्म चंदू अऊ चांदनी और भोजपुरी में डायेरक्टर बाबू स्टार बनाई दा। उसके बाद तो फिल्मों का सिलसिला चल पड़ा। वर्ष 2016-17 में प्रेम बंधना के निर्माण में व्यस्त रहा। इस फिल्म में पहली बार विदेशी लोकेशन में यानी थाईलैंड में शूटिंग की।
एकान्त चौहान – छॉलीवुड की फिल्में एक्शन के मामले में बॉलीवुड और छॉलीवुड से किस मामले में पीछे हैं, आपका क्या कहना है?
शिवनरेश केशरवानी – हां, छॉलीवुड की फिल्में एक्शन के मामले में बॉलीवुड और छॉलीवुड से पीछे है। इसके सबसे बड़ा कारण बजट और टेक्नीकल क्षमता का अभाव है। छत्तीसगढ़ी फिल्मों का उतना बड़ा बजट नहीं होता, जितना अन्य फिल्मों का होता है। इसलिए हम ज्यादा से ज्यादा टेक्नीकल क्षमता का उपयोग नहीं कर सकते। फिर भी कम बजट और सीमित संसाधनों से छत्तीसगढ़ी फिल्में बनती हैं, वो भी काफी बेहतरीन होती है।
एकान्त चौहान – छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भविष्य?
शिवनरेश केशरवानी – छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के साथ ही हर क्षेत्र में उन्नति और अवसर बढ़े हैं। लिहाजा, छॉलीवुड भी नए कलाकारों को नए-नए अवसर मिलने लगे हैं। और छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भविष्य निसंदेह काफी उज्जवल है।
एकान्त चौहान – फिल्म के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं के बारे में आपकी क्या राय है?
शिवनरेश केशरवानी – छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कोई नहीं है। यहां एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं हैं। जो आप भी छत्तीसगढ़ी फिल्मों में देख रहे हैं। युवा बड़े तेजी से फिल्म निर्माण और अभिनय के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं।
एकान्त चौहान – छत्तीसगढ़ी फिल्मों को और उन्नत बनाने आपकी कोई राय?
शिवनरेश केशरवानी – देखिए आज छत्तीसगढ़ी फिल्मों के दर्शक बड़ी संख्या है, जरूरत बस इस बात की है कि फिल्में ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचे। लेकिन छत्तीसगढ़ में थियेटरों की बहुत ज्यादा कमी है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा थियेटर हों तो फिल्में दर्शकों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचेगी। खासकर, यदि जिला और ब्लॉक स्तर पर भी थियेटर या मिनी थियेटर बन जाए तो फिल्में जरूर चलेगी। इसके साथ ही यदि सरकार की तरफ से फिल्मों को सब्सिडी मिले तो निर्माण में और तेजी आएगी। इसके साथ ही यदि अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की तरह छत्तीसगढ़ी में सेटेलाइट चैनल मिल जाए तो बहुत ही अच्छा होगा।
एकान्त चौहान – केशरवानीजी, अंत में यह बताइए कि क्या आपको भी लगता है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों को दर्शक नहीं मिलते?
शिवनरेश केशरवानी – नहीं, मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता है। यदि ऐसा होता तो आज हमारे वीडियो सांग, एलबम, कॉमेडी शार्ट मूवी, शार्ट मूवी और छत्तीसगढ़ी फिल्मों को यू-ट्यूब पर इतने व्यूज नहीं मिलते। जैसा मैंने पहले भी कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों को यदि ज्यादा से ज्यादा थियेटर मिले तो दर्शकों तक आसानी से यह पहुंच पाएंगी। अब आप ही देखिए हमारे यहां थियेटरों की कितनी कमी है। मैं यदि एक और लव स्टोरी के गानों की बात करूं तो इसके दो गाने पिया रे…जिया रे… और नैना ले..नैना ले… ने यू-ट्यूब पर खूब धमाल मचाया है। इसमें से पिया रे…जिया रे… को 2 मिलियन और नैना ले…नैना ले… को एक मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले हैं। छत्तीसगढ़ी फिल्मों के दर्शक काफी हैं, बस उन तक फिल्में पहुंचे।